किसने सोंचा था!
‘‘केसरिया’’
आतंक के नाम से जाना जाएगा..
‘‘सादा’’
की सच्चाई गांधी जी के साथ जाएगा..
‘‘हरियाली’’
के देश में किसान भूख से मर जाएगा...
किसने सोंचा था!
लोकतंत्र में
गांधीजी की राह चलने वाला मारा जाएगा..
आज भी भगत सिंह फाँसी के फंदे पर चढ़़ जाएगा..
किसने सोंचा था!
भाई भाई का रक्त बहायेगा..
देश के सियाशत दां आतंकियों के साथ जाएगा..
अपने ही देश में तिरंगा पराया हो जाएगा..
अपने ही देश में तिरंगा पराया हो जाएगा..
‘‘केसरिया’’
आतंक के नाम से जाना जाएगा..
‘‘सादा’’
की सच्चाई गांधी जी के साथ जाएगा..
‘‘हरियाली’’
के देश में किसान भूख से मर जाएगा...
किसने सोंचा था!
लोकतंत्र में
गांधीजी की राह चलने वाला मारा जाएगा..
आज भी भगत सिंह फाँसी के फंदे पर चढ़़ जाएगा..
किसने सोंचा था!
भाई भाई का रक्त बहायेगा..
देश के सियाशत दां आतंकियों के साथ जाएगा..
अपने ही देश में तिरंगा पराया हो जाएगा..
अपने ही देश में तिरंगा पराया हो जाएगा..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (27-01-2014) को "गणतन्त्र दिवस विशेष" (चर्चा मंच-1504) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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६५वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'